नहीं रहे अब अंग्रेजों के जमाने के जेलर जयपुर में जन्मे बॉलीवुड हास्य फिल्म अभिनेता असरानी का दीपावली पर निधन*
*नहीं रहे अब अंग्रेजों के जमाने के जेलर जयपुर में जन्मे बॉलीवुड हास्य फिल्म अभिनेता असरानी का दीपावली पर निधन*
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******हम अंग्रेजों के जमाने के जेलर है * *हमारे राज में कोई भी परिंदा पर नहीं मार सकता* बॉलीवुड फिल्म 1975 में बनी शोले में जेलर का अभिनय करने वाले गोवर्धन अंसारी असरानी जयपुर में जन्मे और जयपुर से शिक्षा के बाद सबको हंसाने मुंबई की फिल्मी दुनिया में चले गए थे। उन्होंने करीब 350 सौ फिल्मों में कॉमेडियन बने ,असरानी का जन्म सिंध प्रांत में 1 जनवरी सन 1941 को ठाकुरदास जेठानंद असरानी के यहां हुआ था।
भारत-पाक विभाजन की विभीषिका के समय इनका संपूर्ण परिवार जयपुर में बस गया । न्यू कॉलोनी की सिंधी पंचायत स्कूल में प्राइमरी शिक्षा ग्रहण की । समाज सेवी बिशन दास संगतानी जैसे कई लोग असरानी के साथ स्कूलों में शिक्षा ग्रहण करते थे। सेंट जेवियर के बाद विश्वविद्यालय से डिग्री का प्राप्त की थी मात्र 15 वर्ष की आयु में गोवर्धन असरानी ने सन 1955 में जयपुर के आकाशवाणी केंद्र में पहुंचे और वहां । मेरा मन डोले तन डोले । गाने की थीम पर वॉइस टेस्ट में सफलता प्राप्त की।
असरानी सोच के समान के नाम से रेडियो पर बच्चों के लिए कार्यक्रम प्रस्तुत करते रहे थे उसे समय एम शैली माया इसरानी ,गंगा प्रसाद माथुर का इन्हें भरपूर सहयोग मिला।
आकाशवाणी रेडियो से एक कार्यक्रम पर ₹5 मिलते थे । उन्होंने अपने पिता के साथ व्यवसाय करने की बजाय थिएटर आर्टिस्ट बनने में ही असरानी की लगन बनी रही । जयपुर की विश्वविद्यालय में स्नातक उत्तीर्ण करने के बाद फिल्मों में एक्टिंग करने का मंसूबा लेकर सन 1962 में मुंबई पहुंचे । और वहां आकाशवाणी से जुड़ गए । महाराष्ट्र के पुणे के फिल्म इंस्टीट्यूट में 2 साल तक प्रशिक्षण लेने के बाद 1966 में छोटी फिल्म *हम कहां जा रहे हैं* उसमें एक कॉलेज स्टूडेंट की भूमिका निभाई।
फिल्मों में काम प्राप्त करने के लिए गोवर्धन असरानी करीब 5 साल तक मुंबई में भटकते रहे ,, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। इसी दौरान असरानी ने कांच की चूड़ियां में विश्वजीत के दोस्त त्रिपाठी की भूमिका निभाई । फिल्म इंस्टीट्यूट पुणे में नौकरी करने के दौरान सन 1971 में गुड्डी बॉलीवुड फिल्म में अच्छा प्रदर्शन किया था । तब इन्हें एक साथ आठ फिल्मों में काम मिल गया था
फिल्म* कोशिश *में खलनायक की भूमिका निभाई , तब सभी ने उन्हें हास्य रोल ही करने की सलाह दी। इस दौरान सन 1973 में अभिनेत्री मंजू बंसल से विवाह किया । सन 1975 में * शोले * फिल्म में इनके किरदार की विश्व स्तर पर तारीख हुई ।। दूरदर्शन पर नटखट नारद की भूमिका में भी असरानी आए।
प्रतिभा एवं हार नहीं मानने की लगन के कारण गोवर्धन असरानी हास्य फिल्म अभिनेता हमेशा फिल्म जगत में और लोगों के दिलों में अपनी अमिट छाप छोड़ गए।। ईश्वर उनकी आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें ।
रिपोर्टर ::: वॉइस ऑफ़ मीडिया ::: राजस्थान शिंभू सिंह शेखावत

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