नीमकाथाना निवासी भवानी सिंह को स्थानीय पुलिस और तहसीलदार कार्यालय द्वारा न्याय की अपेक्षा अन्याय से शोषित किया गया**
*नीमकाथाना निवासी भवानी सिंह को स्थानीय पुलिस और तहसीलदार कार्यालय द्वारा न्याय की अपेक्षा अन्याय से शोषित किया गया**
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नीमकाथाना निवासी भवानी सिंह पुत्र श्री रामचंद्र सिंह तंवर वार्ड नंबर 3 नीमकाथाना का मूल निवासी है । भवानी सिंह के पिताजी रामचंद्र सिंह तंवर (गौरव सेनानी ) की वर्षों पूर्व स्वयं की खरीदी गई । जमीन का खसरा नंबर 110 जिसकी वर्षों पूर्व अपनी धर्मपत्नी भतेरी कंवर के नाम रजिस्ट्री नीम का थाना के पंजीयन कार्यालय में करवा ली गई थी।
नीमकाथाना के ही तथाकथित यादव जाति विशेष द्वारा उक्त जमीन पर हथियाने की साजिश वर्ष 2011-12 से ही करने लग गए थे।
उल्लेखनीय है कि हकीकत में उक्त खसरा नंबर 110 स्थित जमीन की स्थानीय नीमकाथाना पंजीयन अधिकारी द्वारा वर्ष 1997 में ही पंजीयन करवा लिया गया था । उसके बाद तथाकथित भू माफियाओं ने कूट रचित दस्तावेज लगाकर और साजिश अनुसार वर्ष 1999 में एक और उसी जमीन की रजिस्ट्री करवा ली गई , क्या उस समय 2 साल में ही स्थानीय राजस्व और पुलिस विभाग के अधिकारी नींद में थे नहीं ।। वों जुगलबंदी और भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुके थे । जो की सरासर राजस्थान काश्तकारी अधिनियम की धज्जियां उड़ाता नजर आ रहा है । इसका आशय तो यह हुआ कि भूमाफियाओं ने कूट रचित दस्तावेजों से भ्रष्टाचार और जुगलबंदी से फर्जी पंजीयन,, जमीन के वास्तविक मालिकों के खिलाफ वर्ष 1999 में लगभग 2 वर्ष के अंतराल बाद बनाकर विगत लगभग 20 वर्षों से काबिज होकर उसमें काश्त कर रहे हैं , तथा काबिज है।
विचारणीय बिंदु और पहलू यह है , कि श्री रामचंद्र सिंह को तथा तथाकथित भूमाफियाओं की साजिश का पता लगा । तो उनके बेटे ब्रह्म सिंह ने संबंधित थाना पुलिस कोतवाली नीमकाथाना को स्वयं उपस्थित होकर भूमाफियाओं की नाम जद प्रथम सूचना रिपोर्ट दी गई थी। लेकिन उस पर संबंधित और तत्कालीन कोतवाली थाना प्रभारी नीमका थाना नियमों की स्थिति का सही आकलन नियमों अनुसार नहीं किया ।। जिसका खामियाजा अब स्थिति यहां तक आ गयी है , की दोनों पक्ष आपस में लड़ाई-झगड़ा भी कर सकते हैं ।
राजस्थान सरकार के निर्देशानुसार पिछले सप्ताह नीम का थाना के शहरी सेवा शिविर का आयोजन नगर पालिका नीम का थाना परिसर में हो रहा था । वहां पीड़ित भवानी सिंह आवेदन लेकर गया तो नीम का थाना शिविर में वर्तमान सैनिक कल्याण बोर्ड अध्यक्ष , प्रेम सिंह बाजोर महोदय को आवेदन दिया तो महोदय ने तत्काल वर्तमान कोतवाली पुलिस थाना प्रभारी को मामले की जांच करने को कहा । उपस्थित थाना प्रभारी कोतवाली ने भवानी सिंह को अगले दिन 9:00 बजे प्रातः कोतवाली आने को कहा ।। उपरांत भवानी सिंह समय अनुसार कोतवाली थाना प्रभारी के पास गया , तो कोतवाली प्रभारी ने जमीन की भवानी सिंह से जमाबंदी चाही । और भवानी सिंह की रजिस्ट्री को गलत बताया। भवानी सिंह जमाबंदी लेने के लिए नीम का थाना तहसील कार्यालय गया तो वहां के अधिकारियों ने कहा कि आपको इसकी जमाबंदी सीकर से मिलेगी। पीड़ित भवानी सिंह नीमकाथाना तहसीलदार कार्यालय गया तो उन्हें वहां से टरकानें वाला जवाब , सीकर कार्यालय से संपर्क करने को कहा।
व्यथित भवानी सिंह बस द्वारा सीकर गया तो वहां के अधिकारियों ने कहा कि नीमकाथाना का मामला है, तो आप नीम का थाना तहसील कार्यालय से ही ले।
इससें यह स्पष्ट होता है ,राज्य सरकार के नियमों की अव मानना है । और जमीन के वास्तविक मालिक को बेवजह परेशान किया जा रहा है, जो कि न्याय संगत नहीं है । इन भूमाफियाओं द्वारा सरकारी अधिकारियों से जुगलबंदी और भ्रष्टाचार वर्तमान में भी यथावत है । जो कि वर्षों पूर्व थी । और नीम का थाना में राज्य सरकार के द्वारा शहरी सेवा शिविर के आयोजन में तो लाल फीता शाही का आलम है , जबकि वास्तविक जमीन मालिकों को न्याय नहीं देकर अन्याय किया जा रहा है ।यह प्रत्यक्ष उदाहरण है।
रिपोर्टर वॉइस ऑफ़ मीडिया सीकर राजस्थान शिंभू सिंह शेखावत


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