भगवान महावीर स्वामी के निर्वाण दिवस पर 72 दीपक का हुआ विशेष अनुष्ठान, चढ़ाया निर्वाण लड्डू - द्वार उद्घाटन, -
भगवान महावीर स्वामी के निर्वाण दिवस पर 72 दीपक का हुआ विशेष अनुष्ठान, चढ़ाया निर्वाण लड्डू
- द्वार उद्घाटन,
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उदयपुर संवाददाता जनतंत्र की आवाज विवेक अग्रवाल। तपागच्छ की उद्गम स्थली आयड़ जैन मंदिर में श्री जैन श्वेताम्बर महासभा के तत्वावधान में कलापूर्ण सूरी समुदाय की साध्वी जयदर्शिता श्रीजी, जिनरसा श्रीजी, जिनदर्शिता श्रीजी व जिनमुद्रा श्रीजी महाराज आदि ठाणा की चातुर्मास सम्पादित हो रहा है।
महासभा के महामंत्री कुलदीप नाहर ने बताया कि आयड़ तीर्थ के आत्म वल्लभ सभागार में सुबह 7 बजे साध्वियों के सानिध्य में ज्ञान भक्ति एवं ज्ञान पूजा, अष्ट प्रकार की पूजा-अर्चना की गई। नाहर ने बताया कि महावीर स्वामी भगवान के निर्वाण दिवस पर 72 दीपक के अनुष्ठान का आयोजन किया गया। साध्वियों के सानिध्य में भगवान को निर्वाण लाडू चढ़ाया गया। इस धार्मिक कार्य का सौभाग्य नरेन्द्र - कांता देवी, कुलदीप-प्रियंका मेहता परिवार को प्राप्त हुआ। शांतादेवी-लीला देवी, ललित, कुलदीप, प्रक्षित नाहर परिवार को द्वार उद्घाटन का लाभ मिला। उसके बाद प्रात: 6 बजे द्वार उद्घाटन, 6.45 बजे से गौतम रास का वाचन का आयोजन हुआ। श्री प्रभु महावीर परमात्मा के निर्वाण दिवस पर आराधना हुई। उसके बाद सभी श्रावक-श्राविकाओं के लिए नवकारसी का आयोजन हुआ।
आयड़ तीर्थ पर धर्मसभा में साध्वी जयदर्शिता श्रीजी ने कहा कि भगवान महावीर का जीवन त्याग, तप और आत्मसंयम का अद्भुत उदाहरण है। उन्होंने मानवता को अमर संदेश दिया कि अहिंसा ही परम धर्म है, और आत्म विजय ही सच्ची विजय है। साध्वी श्री ने कहा कि भगवान महावीर का जन्म कुंडलपुर (बिहार) में 599 ईसा पूर्व हुआ था। युवावस्था में रामसुख त्याग कर उन्होंने 12 वर्ष तक कठोर तपस्या की और अंतत: केवलज्ञान (सर्वज्ञता) की सिद्धि प्राप्त की। उन्होंने संसार को पंच महाव्रत अहिंसा, सत्य, अचौर्य, ब्रह्मचर्य और अपरिग्रह का उपदेश दिया, जो आज भी मानवता को नैतिकता और शांति का मार्ग दिखाते हैं। भगवान महावीर का निर्वाण पावापुरी (बिहार) में कार्तिक अमावस्या की रात्रि को हुआ था। उस समय देवगणों ने असंख्य दीप प्रज्वलित किए थे। इस कारण यह दिन दीपावली के रूप में मनाया जाता है। समाज इस दिन को निर्वाण महोत्सव के रूप में मना कर प्रभु की शिक्षाओं को आत्मसात करता है। अंत में सामूहिक आरती और दीप प्रज्ज्वलन के साथ श्रद्धालुओं ने संकल्प लिया कि वे अपने जीवन में अहिंसा, संयम और करुणा के मार्ग का पालन करेंगे।
इस अवसर पर कुलदीप नाहर, भोपाल सिंह नाहर, अशोक जैन, संजय खाब्या, भोपाल सिंह परमार, सतीश कच्छारा, चतर सिंह पामेचा, राजेन्द्र जवेरिया, अंकुर मुर्डिया, पिन्टू चौधरी, हर्ष खाब्या, गजेन्द्र खाब्या, नरेन्द्र सिरोया, राजू पंजाबी, रमेश मारू, सुनील पारख, पारस पोखरना, राजेन्द्र जवेरिया, प्रकाश नागौरी, दिनेश बापना, अभय नलवाया, कैलाश मुर्डिया, गोवर्धन सिंह बोल्या, दिनेश भंडारी, रविन्द्र बापना, चिमनलाल गांधी, प्रद्योत महात्मा, रमेश सिरोया, कुलदीप मेहता आदि मौजूद रहे।

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