विदेशी फूड चेन का बहिष्कार: जन स्वास्थ्य के लिए छिपा खतरा” विषय पर दो दिवसीय संगोष्ठी का समापन

 “विदेशी फूड चेन का बहिष्कार: जन स्वास्थ्य के लिए छिपा खतरा” विषय पर दो दिवसीय संगोष्ठी का समापन


 


उदयपुर। मोहन लाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय में प्राणीशास्त्र विभाग, खाद्य विज्ञान एवं पोषण प्रौद्योगिकी विभाग तथा रेड रिबन क्लब के संयुक्त तत्वावधान में “विदेशी फूड चेन का बहिष्कार: जन स्वास्थ्य के लिए छिपा खतरा” विषय पर दो दिवसीय संगोष्ठी का सफल आयोजन सम्पन्न हुआ।

संगोष्ठी के अंतर्गत आयोजित तीसरे तकनीकी सत्र की अध्यक्षता कुलगुरु प्रो. सुनीता मिश्रा ने की। उन्होंने अपने उद्बोधन में स्वदेशी खाद्य एवं स्थानीय भोजन को प्रोत्साहन देने पर बल दिया तथा “लोकल फोर वोकल” और “मेक इन इंडिया” की अवधारणा को अपनाने की अपील की। साथ ही उन्होंने सप्ताह के प्रत्येक दिन तथा उनसे संबंधित रंगों के अनुरूप खाद्य पदार्थों को दैनिक आहार में शामिल करने की महत्ता बताई।

संगोष्ठी की विशिष्ट वक्ता डॉ. गायत्री तिवारी, पूर्व विभागाध्यक्ष, कॉलेज ऑफ कम्युनिटी एवं एप्लाइड साइंसेज, एमपीयूएटी, ने “भजन और भोजन” के बीच समानता बताते हुए कहा कि – “जैसे भजन आत्मा को शुद्ध करता है, वैसे ही शुद्ध और स्वदेशी भोजन शरीर को स्वस्थ बनाता है।”

दोनों वक्ताओं ने विद्यार्थियों से आह्वान किया कि वे विदेशी फूड चेन की ओर आकर्षित होने के बजाय भारतीय पारंपरिक आहार को अपनाएँ, जो पोषण, पवित्रता और स्वास्थ्य का वास्तविक आधार है।

कार्यक्रम में वन-टू-वन इंटरैक्टिव सेशन भी आयोजित किया गया, जिसमें विद्यार्थियों ने सक्रिय भागीदारी करते हुए अपनी जिज्ञासाओं का समाधान पाया।

संगोष्ठी का सफल संचालन प्राणीशास्त्र विभाग एवं खाद्य विज्ञान तथा पोषण प्रौद्योगिकी विभाग के शिक्षकों – डॉ. आशाराम मीणा, डॉ. पायल तलेसरा और डॉ. खुशबू गुर्जर आदि द्वारा किया गया।

यह संगोष्ठी विद्यार्थियों के लिए ज्ञानवर्धक और प्रेरणादायी सिद्ध हुई।

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