राजस्थान के पेंशनधारी आर.जी. एच.एस. मंथन और आदेश से परेशान--
राजस्थान के पेंशनधारी आर.जी. एच.एस. मंथन और आदेश से परेशान-- कैलाश चंद्र कौशिक
जयपुर! अभी 1,दिसंबर,2024 से भजन लाल सरकार के तुगलकी फरमान से वृद्ध, सेवा निवृत्त कर्मचारियों को विशेष परेशानी है, वह दवाई की दुकानों पर कँहा सक्षम हैं। उन्हें बीमारी से ठीक होने के बजाय, सर्दी, गर्मी, बरसातों हरेक मौसम में लाइन में लगे रहना असंभव है। केवल इमर्जेंसी स्तिथि में शिथिलता दी है, फिर भी काफी औपचारिकता गिना दी गई हैं। ऐसा लगता है सरकार अनुभव विहीन है।सभी अभी से वसुंधरा राजे और गहलोत को याद करने लगे, इसी उंहापोह में रोडवेज कर्मचारी है। जिन्होंने कैश राशि जमा करने पर आर.जी.एच.एस.
ली है। इधर पेंशन विभाग पेंशनर्स की परेशनियो का ध्यान रख कर चल रहा है। उतना ही आपका मंथन, नियम मानसिक बीमार करने वाले हैं। क्या पुनर्विचार राज्य सरकार बीमार वृद्धों के हित में लेगी??आपको बीमारियों से निजात दिलानी है तो अधिकांश दुकानों पर समय पर भुगतान सरकार से नहीं मिलने पर, दवाएं देना बंद कर चुके हैं???
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