पर्युषण महापर्व *जीवन मे त्याग ही सफलता की पहली सीढ़ी है-जिनेन्द्रमुनि मसा
पर्युषण महापर्व
*जीवन मे त्याग ही सफलता की पहली सीढ़ी है-जिनेन्द्रमुनि मसा
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गोगुन्दा 1 सितंबर
श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावकसंघ के तत्वावधान मे उमरणा महावीर जैन गौशाला स्थित महावीर भवन में पर्युषण पर्व के प्रथम दिवस के प्रवचन माला में जिनेन्द्रमुनि मसा ने कहा कि जिस उद्देश्य को लेकर हम चल रहे है अपना समस्त दृष्टिकोण उस पर केंद्रित करना है।मुनि ने सूत्र के वांचन में तीन राजकुमारों का वर्णन किया।फैशन परस्त युवाओ के रहन सहन और पोशाकों का जिक्र करते हुए कहा कि आज युवा अपनी फैशन में मग्न होकर शरीर से कपड़े कम करते जा रहे है।मुनि ने आगम वाणी पर विवेचन किया और कहा कि आगम जिनवाणी है।जिसका हर एक के जीवन मे बहुत महत्व है।संत ने कहा आगम सिर्फ शास्त्र ही नही,बल्कि साक्षत भगवान की वाणी है।हमे बहुमान पूर्वक श्रवण करना चाहिए।आगम को जीवन मे उतारने से ही आपका कल्याण होगा।प्रवीण मुनि मसा ने पर्युषण महापर्व को आध्यात्मिक पर्व बताते हुए कहा कि लौकिक पर्व दो दिन का होता है लेकिन यह पूरे आठ दिवस का है।आत्मकल्याण और कर्म की निर्जरा के लिए आठ दिन महत्वपूर्ण है।मुनि ने कहा कि धर्म को स्वीकार करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है ।इस पर उन्होंने कहा कि वीर वाणी सुनने से पुण्यपार्जन होता है।रितेश मुनि ने कहा कि धर्म उदारता से किया जाता है।त्याग की शिक्षा परिवार को देनी चाहिए।परिवार में माताओं को अच्छे संस्कार अपने बच्चों को देना चाहिए।सामूहिक परिवार की आज के समय मे महती आवश्यकता पर जोर देते हुए मुनि ने कहा कि जीवदया का बहुत महत्व है।प्रभातमुनि ने दान की महिमा बताई और कहा कि दान महादान है।गौशाला स्थित बीमार गायों के बारे में बताते हुए कहा कि दान की महिमा बहुत है ।दान देने वाला और दान लेने वाले दोनों की महत्वपूर्ण भूमिका है ।गुप्त दान की महिमा बताते हुए संत ने कहा कि जिसको मदद की जा रही है उसे भी पता नही चले की उसकी किसने मदद की है।तो इससे बढ़कर संसार मे कोई दान नही हो सकता है।इसमे दान देने वाले का स्वाभिमान भी सुरक्षित रहेगा।बिना किसी स्वार्थ से दिया गया दान और भला करने वाले का दान अच्छा है। गाय का दान सर्वोत्तम बताते हुए मुनि ने कहा कि शुभ भाव से दिया गया दान ही पुण्य का उपार्जन होता है।आज पर्युषण पर्व के पहले दिन उदयपुर सूरत भीलवाड़ा जोधपुर और पाली से श्रावकों का आगमन हुआ ।बहनों ने उपवास के प्रत्याख्यान ग्रहण किया।तपस्वियों और समाज के कर्मठ कार्यकर्ताओं और भामाशाहों का स्वागत सम्मान किया गया।महावीर जैन गौशाला के अध्यक्ष हीरालाल मादरेचा ने अपने भाव रखे।तरपाल निवासी सोहनलाल मांडोत का संघ ने सम्मान किया।समाज के श्रावक लक्ष्मीलाल ढालावत भैरूलाल बम्बोरी हीरालाल मादरेचा आदि उपस्थित रहे है।आज जप शुरू किया गया।
स्थानक भवन में जप शुरू किया गया है।
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