बीमा राशि मय ब्याज और परिवाद खर्च देने के आदेश राज्य उपभोक्ता आयोग की उदयपुर सर्किट बैंच ने दिया फैसला

 बीमा राशि मय ब्याज और परिवाद खर्च देने के आदेश

राज्य उपभोक्ता आयोग की उदयपुर सर्किट बैंच ने दिया फैसला


उदयपुर, 27 जुलाई। राजस्थान राज्य उपभोक्ता आयोग की उदयपुर सर्किट बेंच ने अपने एक निर्णय में राजसमन्द जिले के खेडी का खेडा गांव की एक परिवादिया को बीमाधन राशि 30 लाख रूपए मय ब्याज एवं परिवाद खर्च के अदा करने के आदेश संबंधित बीमा कंपनी को दिए।

बैंच के सदस्य श्री एस.के. जैन और श्री शैलेंद्र भट्ट की ओर से पारित निर्णय के अनुसार खेड़ी का खेड़ा निवासी श्रीमति लक्ष्मी के पति सुखदेव सिंह रावत ने मैक्स लाइफ इंश्योरेंस कम्पनी से 12 वर्ष की समयावधि के लिए जीवन बीमा पॉलिसी ली गई थी, जिसका बीमाधन 30 लाख रूपये था। इस दरम्यान बीमित सुखदेव सिंह का निधन होने पर जब परिवादिया ने बीमा क्लेम प्रस्तुत किया तो बीमा कम्पनी द्वारा उसे इस आधार पर अस्वीकार किया कि बीमित व्यक्त्ति द्वारा पूर्व में अपनी पुरानी बीमारी को छिपाकर बीमा पॉलिसी ली गई थी।

राज्य उपभोक्ता आयोग द्वारा दोनों पक्ष को सुनने के बाद यह निष्कर्ष दिया गया कि बीमा कम्पनी द्वारा पॉलिसी देते समय प्रस्ताव पत्र (प्रपोजल फार्म) भरवाया जाता है जिसमें बीमा लेने वाले से जानकारी हासिल की जाती है, प्रश्न पूछे जाते हैं। आयोग द्वारा प्रस्ताव पत्र माँगे जाने पर बीमा कम्पनी द्वारा प्रस्ताव पत्र प्रस्तुत नहीं किया जा सका। अतः यह माना गया कि प्रस्ताव पत्र के अभाव में यह निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता कि बीमा लेने वाला व्यक्ति पूर्व से किसी बीमारी से ग्रसित था अथवा उसने बीमारी के बारे में बीमा कम्पनी को अवगत कराया था। इस प्रकार आयोग ने बीमा कम्पनी को आदेश दिया गया कि वह बीमित स्व० सुखदेव सिंह की पत्नी श्रीमति लक्ष्मी को जीवन बीमा की सम्पूर्ण बीमाधन राशि 30 लाख रूपये मय 09 प्रतिशत वार्षिक व्याज के अदा करे। साथ ही परिवाद व्यय पेटे 25 हजार रूपये भी अदा करें।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

पुलिस पाटन द्वारा हथियार की नोक पर वाहन लूट करवाने वाला अंतर्राज्यीय गैंग का सरगना गिरफ्तार

अतिरिक्त जिला कलेक्टर नीमकाथाना भागीरथ साख के औचक निरीक्षण में कर्मचारी नदारद पाए गए* *सीसीए नियमों के तहत होगी कार्रवाई*

आमेर तहसीलदार ने बिलोंची गाँव की खसरा न, 401 से लेकर खसरा न, 587 तक की जमीन की , जमाबंदी के खातेदार 12 व्यक्तियों में से चार व्यक्तियों के नाम मिली भगत कर , सुविधा शुल्क वसूलकर नियम विरूद्ध तकासनामा खोल दिया गया आठ खातेदारों का विरोध तकासनामा निरस्त करने की मांग