विश्व के उंचे पहाड़ों पर चढ़कर भारत का नाम रोशन करने का लक्ष्यः स्वेचछा सिंघवी
विश्व के उंचे पहाड़ों पर चढ़कर भारत का नाम रोशन करने का लक्ष्यः स्वेचछा सिंघवी
एवरेस्ट पार करने पर सीए स्वेच्छा सिंघवी का हुआ सम्मान
उदयपुर संवाददाता विवेक अग्रवाल। हाल में एवरेस्ट फतह कर पहाड़ों की रानी के नाम से मशहूर हो रही 40 वर्षीय स्वेच्छा सिंघवी ने कहा कि एवरेस्ट फतह करने में परेशानियों का सामना करना पड़ा लेकिन आज परिणाम सामनें है। परिणाम को देखते हुए नई उर्जा मिली और अब आगे विश्व के सात बड़ी चोटियों का फतह कर विश्व में भारत का नाम रोशन करने का लक्ष्य है।
वे आज सरल ब्लड बैंक की ओर से बैंक परिसर में आयोजित एक सम्मान समारोह में बोल रही थी। उन्होंने अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि तमाम चुनौतियों के साथ, कठिन और दुर्गम रास्तों को चीरते हुए 65 किलोमीटर लंबा और ऊंचा रास्ता उन्होंने मात्र 15 दिनों में पार कर लिया।
उन्होंने कहा कि अब वह समय गुजर चुका है जब नारी को अबला समझा जाता था। कितनी ही कठिन परिस्थितिया हो या गंभीर चुनौतियां हो, उन सबसे लड़ते हुए अपने हिम्मत और हौसले के साथ बेटियां सफलता के नए आयाम स्थापित कर रही है। तमाम तरह की चुनौतियां उनके सामने आई। कभी-कभी वह घबराई भी थी। एक दिन का रास्ता पार करने के बाद दूसरे दिन के लिए बस सोचती कि अब नहीं हो पाएगा। लेकिन उनके हौसलों के आगे तमाम चुनौतियां घुटने टेकती गई और हर दिन नए उत्साह और उमंग के साथ वह एवरेस्ट फतह करने के लिए आगे बढती गई। व्यक्ति शरीर से भले थक जाए लेकिन कभी मानसिक रूप से नहीं थकना चाहिए। अगर मानसिक रूप से आपकी हिम्मत और हौसला मजबूत है तो शारीरिक थकान कोई मायनें नहीं रखती है। मानसिक रूप से मजबूती ही मेरी एवरेस्ट फतह की सफलता का असली राज है।
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