2 अप्रैल 2023 को ऐतिहासिक महापंचायत का सफल आयोजन
*2 अप्रैल 2023 को ऐतिहासिक महापंचायत का सफल आयोजन
इस महापंचायत में आपने शांति, अनुशासन, धैर्य से आदर्श नागरिक के जो प्रतिमान स्थापित किए हैं यह एक सभ्य, शिक्षित, संगठित संघर्षशील, प्रगतिशील सफल समाज की पहचान है। इसके लिए संयोजक मंडल की ओर से हम आप सभी के हृदय से बहुत आभारी हैं और आपको कोटि कोटि नमन और धन्यवाद करते हैं।
सम्माननीय साथी गण जिन्होंने इस महाकुंभ की सफलता में अपना विशेष महत्वपूर्ण सहयोग, योगदान दिया है उन सभी का बहुत-बहुत आभार,धन्यवाद !
इस महापंचायत की व्यवस्था में सह संयोजक के रूप में मैंने (हरि नारायण मौर्य Rps rtd) व मेरे साथी डॉ दशरथ हिनूनिया(सहसंयोजक) द्वारा महापंचायत की प्रशासनिक अनुमति, का कार्य किया!
स्थानीय जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, स्थानीय पुलिस थाना, यातायात, विद्युत, अग्निशमन, डीएलबी, नगर निगम, CM&HO, ओएसडी मंत्री सानिवि व यातायात, सुविधाओं, टोल टैक्स की व्यवस्थाओं का जिम्मा बखूबी तौर पर संभाल कर जी जान से मेहनत, प्रयास कर सफलता के दौरान संबंधित विभागों के अधिकारियों कर्मचारी गणों के द्वारा इस महापंचायत में अनुमति व व्यवस्थाओं में अपना सहयोग प्रदान किया।
उप आवासन आयुक्त, अनुमति क्लर्क, अभियंता, आवासन मंडल, जिला प्रशासन श्रीमान एडीएम साउथ के डीलिंग हैंड, पुलिस कमिश्नरेट के बहुत ही योग्य प्रखर प्रभावशाली पारदर्शिता वाले एडिशनल कमिश्नर साउथ, उनकी टीम डीसीपी साउथ, एडिशनल डीसीपी साउथ, विशेष शाखा एसएचओ, शिप्रापथ, यातायात तथा आप सभी की टीम पदाधिकारी गण जाब्ता, डीएलबी, डीसीपी फायर, डीसी गैराज, सीएम&एचओ सेकंड, आप सभी की टीम जो इस काम में लगी थी।
विशेषकर नगर निगम के चीफ सेनेटरी इंस्पेक्टर मि.जावाजी व डीसी मानसरोवर के द्वारा ग्राउंड में कई जगह खड्डे उबड़ खाबड़ तथा मलवा के टीले लगे हुए थे। उनको जेसीबी से लोडिंग डम्पर से सफाई की तथा ग्राउंड में जितने भी पत्थर निकले थे उनको वेन में डलवा कर ग्राउंड को समतल कर गंदगी को हटाकर साफ सफाई व्यवस्था को अंजाम दिया। ग्राउंड को साफ़ सुथरा ही नहीं किया बल्कि हमें पार्किंग के लिए अतिरिक्त स्थान भी जेसीबी के द्वारा समतल करके आपके कर्मचारी ने टीम को विशेष सहयोग प्रदान किया।
टोल नाको के संबंध में मंत्री जी के ओएसडी, प्रोजेक्ट डायरेक्टर वैशाली नगर, रीजनल ऑफिस के महाप्रबंधक श्याम नगर, जयपुर के साथ-साथ रात्रि के समय रायपुर, पाली, ब्यावर, बाड़मेर, भरतपुर, आगरा रोड तथा सीकर रोड पर टोल नाको पर करीब 70 -80 बसो के अलावा छोटे साधनों की संख्याओ में जमा हो गया था, प्रारंभ में टोल फ्री को लेकर हुई अव्यवस्थाओं के बारे में कि कहीं न्यूसेंस क्रिएट ना हो संबंधित पीडी व एसएचओ साहिबान से वार्ता करने पर सॉल्व कर सहयोग प्रदान किया गया।
इस व्यवस्था में जिन जिन पदाधिकारियों अधिकारियों कर्मचारियों ने विशेष सहयोग प्रदान कर सराहनीय कार्य किया है, हम आप सभी का बहुत -बहुत आभार धन्यवाद ज्ञापित करते हैं। मैं प्रधान संयोजक महोदय से अनुशंसा के साथ निवेदन करता हूं कि ऐसे सामाजिक कार्यों में सहयोग कर प्रशंषनीय कार्य करने वालों को प्रशस्ति-पत्र देकर सम्मानित या अप्रिशिएट किया जावे, ताकि कार्यकर्ताओं की हौसला अफजाई हो व हमारा एक लाइजन बना रहे।
इस महापंचायत ने शायद पहली बार इतना बड़ा कार्यक्रम कई लाखों की संख्या में सैलाब के रूप एकता दिखाई है। यह संख्या बल यदि वोट में बदल जाए तो बहुत बड़ा परिवर्तन ला सकते है। हमें इस बात पर विचार करना चाहिए, साथ ही समय आने पर हम दिशा विहीन होकर हमारे युवाओं के हाथों में कई पार्टियों के झंडे थमा देते हैं और यह भीड़ अलग-अलग हिस्सों में बटकर अस्तित्व विहीन हो जाती है इस बिखराव का खामियाजा हमें भुगतना पड़ता है।
आयोजक - संयोजक मंडल के ध्यान में लाकर प्रस्तावित करता हूं कि दोनों वर्गों के सामाजिक संगठन ऐतिहासिक तौर पर महापंचायत की दोपहियों की बैलगाड़ी दो बैलों, दो सारथियों के सहारे प्रादुर्भाव हुआ है। अन्य ऐसी कई कमियों को नजरअंदाज कर हमें सभी का ध्यान रखना चाहिए। हम दूसरों से समानता की अपेक्षा तथा सरकार से अपने समान अधिकारों की बात अनुपातिक रूप से करते हैं, लेकिन वास्तव में क्या हम आपस में समान हैं? अनुपातिक रूप से सभी का प्रतिनिधित्व हो। यह अवश्य है कि 2 सारथीयो में एक का परिवार बड़ा है, परंतु आर्थिक, सामाजिक, शारीरिक व स्वभाविक तौर पर रुग्णता के कारण कुछ कमियां अवश्य रहती है फिर भी एक दूसरे को संभल देकर स्थान देकर चलने से ही हम कामयाब होंगे।
हमारे ऐसे बड़े सामाजिक संगठनों के राष्ट्रीय प्रधानों को बोलने का उचित समय पर अवसर नहीं देने पर नाराजगी रही है। उनकी नाराजगी दूर कर धन्यवाद ज्ञापित करने तथा महापंचायत को लेकर जहां भी जो कमियां रही है उसकी समीक्षा बैठक की जावे।
संगठनों के सभी प्रधानों व मुखियाओं को आमंत्रित किया जावे। सभी से अपेक्षा की जावे कि जब भी ऐसे आयोजन का आह्वान हो तो दोनों समाज के लोग बड़ी संख्या में संगठित रूप से उपस्थित होकर अपने जोश जुनून जमीर जोखिम व जिंदादिली का एहसास
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