जीवाणुरोधी व कवकरोधी गुणों से भरपूर है लसोड़ा।

 जीवाणुरोधी व कवकरोधी गुणों से भरपूर है लसोड़ा।



स्थानीय श्री भगवानदास तोदी महाविद्यालय के वनस्पति विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. जितेंद्र कांटिया ने बताया कि लसोड़ा जिसे वैज्ञानिक भाषा में कॉर्डिया मिक्सा, तथा अंग्रेजी में ग्लूबेरी के नाम से जाना जाता है। यह एक ऐसा फल है जिसमें कई औषधीय गुण पाए जाते हैं, जिसमें से सूजन-रोधी, फफूंद-रोधी और जीवाणु-रोधी गुण प्रमुख हैं। इसका उपयोग पारंपरिक चिकित्सा में अस्थमा, खांसी, बुखार और त्वचा की एलर्जी जैसी बीमारियों को ठीक करने के लिए किया जाता है। 

डॉ कांटिया ने बताया कि लसोड़ा पाचन संबंधी समस्याओं को ठीक करने, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और दर्द से लड़ने के लिए भी महत्वपूर्ण है। 

इसके औषधीय उपयोगों पर आयुर्वेद में काफी कुछ लिखा गया है। यह माना जाता है कि लसोड़ा आयुर्वेदिक चिकित्सा में जोड़ों के दर्द, गठिया और अन्य सूजन संबंधी स्थितियों से लड़ने में उपयोगी है। यह विटामिन सी का एक अच्छा स्रोत है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक है।

यह संक्रमण और बीमारियों से शरीर की रक्षा करने में मदद करता है। इसके अलावा इसका अर्क रोगाणुरोधी और कवकरोधी गुणों वाला हैं, जो शरीर को जीवाणु और कवक संक्रमण से बचने के लिए उपयोगी हैं।  यह आचार और सब्जी बनाने के लिए भी महत्वपूर्ण है।

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