माननीय प्रधानमंत्री जी से लेकर मुख्यमंत्री जी तक न्याय की गुहार नहीं आई काम रसूखदार आरएएस अधिकारी के आगे गरीब तरसा न्याय को आरएएस अधिकारी का रसूख ऐसा एफआईआर दर्ज के बाद भी जयपुर मुख्यालय करवाया अपना तबादला आरएएस अधिकारी हाल पदस्थ जिला रसद अधिकारी दिव्तीय जयपुर के खिलाफ कूटरचित दस्तावेज बनाकर जमीन हड़पने के संबंध में जयपुर थाना आमेर में दर्ज है एफआईआर एफएसएल जांच रिपोर्ट में प्रमाणित माना फर्जीवाड़ा दस्तावेजों में लगाए गए अंगूठा निशानियां हस्ताक्षर पाए गए फर्जी ।

 माननीय प्रधानमंत्री जी से लेकर मुख्यमंत्री जी तक न्याय की गुहार नहीं आई काम 

रसूखदार आरएएस अधिकारी के आगे गरीब तरसा न्याय को

आरएएस अधिकारी का रसूख  ऐसा एफआईआर दर्ज के बाद भी जयपुर मुख्यालय करवाया अपना तबादला 

आरएएस अधिकारी हाल पदस्थ जिला रसद अधिकारी दिव्तीय जयपुर के खिलाफ कूटरचित दस्तावेज बनाकर जमीन हड़पने के संबंध में जयपुर थाना आमेर में दर्ज है एफआईआर 

एफएसएल जांच रिपोर्ट में प्रमाणित माना फर्जीवाड़ा दस्तावेजों में लगाए गए अंगूठा निशानियां हस्ताक्षर पाए गए फर्जी ।



एफ आई आर जांच को प्रभावित करने के लिए महिला बाल विकास कार्यालय उपनिदेशक जिला करौली से अपने रसूख के चलते करवाया अपना तबादला जयपुर जिला मुख्यालय जहां दर्ज है आर एस अधिकारी त्रिलोक चंद मीणा के खिलाफ फर्जी दस्तावेज बनाए जाने के संबंध में दर्ज है एफआईआर 




कार्यालय संवाददाता 

जयपुर, शासन प्रशासन में बैठे रसूखदार अफसर अपने पद का रसूख का फायदा कैसे उठाते हैं और कितना फर्जीवाड़ा करते हैं और कर सकते हैं यह आर एस अधिकारी 

 त्रिलोक चंद मीना से बेहतर कौन बता सकता है। अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर होने के बावजूद मनमानी ऐसी की जिला मुख्यालय जयपुर में थाना आमेर में एफआईआर संख्या 141/ 2018 दर्ज प्रमाणित पाए जाने के बाद अपने रसूख से पद पर बरकरार है।जबकि कूटरचित दस्तावेज बनाकर अपने चचेरे भाइयों के हक की भूमि हड़पने का बड़ा षड्यंत्र रचते हुए भूमि हड़प ली जो एफ आई आर में भी प्रमाणित पाया जिसकी जांच जयपुर पुलिस के उच्च अधिकारियों ने की जिस पर सिविल नेचर बता एफ आर लगाई गई। लेकिन ईश्वर भी सच्चाई के साथ है और सच्चाई कहां छुपने वाली थी। माननीय न्यायालय द्वारा एफआर को रद्द कर पुनः निष्पक्ष जांच के लिए थाना पुलिस आमेर जिला जयपुर को पाबंद कर निष्पक्ष जांच के लिए भेजा जिसकी जांच थाना आमेर में चल रही है और फर्जी हस्ताक्षरों के लिए जांच फॉरेंसिक जांच लेबोरेटरी में भिजवाई गई है ।

गौरतलब है की उक्त एफ एस एल जो पूर्व में की गई थी जिसमें पुलिस द्वारा पीड़ित परिवार के नाबालिक सदस्य जिसका अंगूठा त्रिलोक चंद मीणा के खास व्यक्ति नरेन्द्र उर्फ पपेया का प्रमाणित एफ एस एल जांच में पाया गया जिसमें उक्त नरेंद्र उर्फ पपेया मुख्य तौर पर अपराधी बनता है नरेंद्र उर्फ पपेया के अंगूठा निशानी फर्जी पाए जाने के बाद भी रसूखदार अफसर की रसूखदारी में वह खुलेआम घूम रहा है‌। इतना ही नहीं सत्ता में बैठे नीति नियंता एवं वरिष्ठ अधिकारीगण, कार्मिक विभाग के वरिष्ठ अधिकारी गण भी ऐसे दागी अधिकारी का ही साथ दे रहे है।

उक्त प्रकरण में आर एस अधिकारी अधिकारी त्रिलोक चंद मीणा जिनके खिलाफ जयपुर जिला मुख्यालय में एफआईआर दर्ज है उसने अपना तबादला स्वयं के गृह निवास जिला जयपुर में करवा लिया जबकि जयपुर जिले में तो इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज है जिसमें तीसरे नंबर पर अभियुक्त संख्या त्रिलोक चंद मीणा मीणा है लेकिन अपने आईएस अधिकारी के पद के रसूख के चलते त्रिलोक चंद मीणा ने दर्जनों शिकायतें जयपुर जिले में तबादले नहीं किए जाने को लेकर सभी शिकायतों को दबा दिया और 

अपना तबादला जांच को प्रभावित करने के लिए उपनिदेशक पद महिला बाल विकास जिला करौली से जिला रसद अधिकारी द्वितीय जयपुर के पद पर करवा लिया जबकि आर एस अधिकारी 

 त्रिलोचन मीणा के तबादले के कारण जांच को प्रभावित होने की पूरी पूरी शंका के संबंध में गरीब पीड़ित परिवार माननीय प्रधानमंत्री जी से लेकर माननीय राज्यपाल महोदय, मुख्यमंत्री महोदय, मुख्य सचिव महोदय, प्रमुख शासन सचिव महोदय कार्मिक को आर एस अधिकारी त्रिलोक चंद मीणा के जयपुर जिले में तबादला को लेकर दर्जनों शिकायतें दी गई जो सभी जांच कार्मिक विभाग में है जिस पर रसूखदार आर एस अधिकारी के इशारे पर संबंधित कार्मिक विभाग के अधिकारी दबाएं बैठे हैं ।

ऐसे में गरीब पीड़ित परिवार जिनकी हक की जमीन आर एस अधिकारी व उसके भाइयों ने कूट रचित दस्तावेज बनाकर हड़प ली वह खुलेआम  डंके की चोट पर यह कहता है शासन प्रशासन में मेरी उच्च स्तर पर पहुंच है मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता जयपुर जिले से मेरा तबादला कोई नहीं कर सकता जांच को तो मैं कैसे भी कर मेरे पक्ष में कर लूंगा क्योंकि मेरा तबादला तो जयपुर मुख्यालय में हो चुका है। पीड़ित परिवार ने समाचार पत्र को दस्तावेज प्रस्तुत कर बताया कि

 क्या गरीब की कोई सुनवाई करेगा या फिर गरीब के साथ अन्याय होने पर आलाधिकारी रसूखदार आर एस अधिकारी का यूं ही सहयोग करता रहेगा क्या पीड़ित परिवार की होगी कोई सुनवाई।

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