बेच दिये गये नदी नाले और रामतलाई, बेचा जा रहा है जंगल,पाटन के फेफड़े और नसें बेची जा रही हैं और जिम्मेदार बंशी बजा रहे हैं।
बेच दिये गये नदी नाले और रामतलाई, बेचा जा रहा है जंगल,पाटन के फेफड़े और नसें बेची जा रही हैं और जिम्मेदार बंशी बजा रहे हैं।
पाटन। हजारों साल के गौरवमयी इतिहास के साथ प्रकृत्ति द्वारा खुले हाथों से चारों ओर हरियाली और पहाड़ों से घिरा पाटन कस्बा तहसील क्या बना इसके गौरवमयी इतिहास प्राकृतिक सौंदर्य पर भू माफियाओं की नजर लग गई। तहसील बनते ही नीमकाथाना और कोटपूतली के भू माफियाओं के साथ ही पाटन के कुछ अति लालची भू माफियाओं की नजर कस्बे के पहाड़ों - नालों और जंगलों को इस प्रकार लगी कि पाटन कस्बे के चारों ओर स्थित पहाड़ों में हमेशा लहलाने वाली फेफड़ों रूपी हरियाली और इन पहाड़ों से निकलने वाले कस्बे की नसों रूपी नदि - नालों और कभी पाटन कस्बे के नगर ईष्ट भगवान सीताराम जी के स्नान के लिए स्नान जल का स्त्रोत रही रामतलाई और यहां तक कि जंगल और चारागाह की जमीनों तक को भू माफियाओं ने बेच डाला। लेकिन जिम्मेदार अधिकारी और प्रशासन अपना हिस्सा लेकर केवल चैन की बंशी बजाते रहे। फिर चाहे खारिया रोड पर प्रसिद्ध राव जी के बंधे के खसरा नंबर 571 पर कस्बे के भामाशाह कहलाने वाले दीवान परिवार द्वारा अतिक्रमण का मामला हो, नीमकाथाना रोड पर पाटन वाटिका कालोनी के खसरा नंबर 362 के गैर मुमकिन नाले को बेचकर वहां भवन निर्माण कर किराए पर चलाने का का कुत्सित मामला हो चाहे या मेहरों की ढाणी के खसरा नंबर 304 और 305 में सार्वजनिक उपयोग की सरकारी जमीन पर दुकानें बनाने का मामला हो अथवा पंचायत समिति के पास और पंचायत समिति और बड़े पावर हाउस के सामने चारागाह भूमि पर रोजाना हो रहे अतिक्रमण हों, या धांधेला रोड बाइपास पर गणेश मार्केट में बेचे गये पुराने खसरा नंबर 810 के गैर मुमकिन नाला को बेचने का मामला हो चाहे रामपुरा रोड पर वन विभाग की जमीन पर अतिक्रमण कर बेची जा रही कालोनियां हों चाहे डाबला रोड पर जंगल और सडक से सटती हुई सरकारी जमीनों, नालों की भूमियों में दबंगों द्वारा किये गये बड़े - बड़े अतिक्रमण और निर्माण हों यहां ना सिर्फ अतिक्रमण किये गये जबकि अतिक्रमण कर बनाये गये भवनों का व्यवसायिक उपयोग भी किया जा रहा है लेकिन जिम्मेदार कर्मचारी - अधिकारी और प्रशासन पाटन कस्बे रूपी शरीर को नोंच - नोंचकर खाने वाले भू माफियाओं से मिले अपने हिस्से को डकारने के बाद आराम से चैन की बंशी बजा रहे हैं।क्या जिम्मेदारों में से एक भी यह कह सकता है कि समाचार में बताये गये मामले उसकी जानकारी में नहीं हैं।
पाटन तहसीलदार का कहना है----
उक्त खसरा नंबर की संपूर्ण जानकारी करवाने के बाद शीघ्र कार्रवाई की जाएगी।मुनेश कुमार सिर्वा
तहसीलदार पाटन
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