भावण्डा गांव में कालका माता जी के मंदिर में चल रही साप्ताहिक श्रीमद्भागवत कथा



खींवसर तहसील (नागौर जिला)

के भावण्डा गांव में कालका माता जी के मंदिर में चल रही साप्ताहिक श्रीमद्भागवत कथा





के आज छठे दिवस के अवसर आज श्रीमद्भागवत कथा में वर्णन में कथा वाचक पं•रामकिशोर दाधिच(काजू) ने अपने श्रीमुख से भगवान श्रीकृष्ण के अनमोल शब्दों को प्रकटीकरण करते हुए बताया कि भगवान श्रीकृष्ण ने असुरनी पुतना का उद्धार किया वह तृष्णा वर्त वह अनेकों असुरों का उद्धार किया वह गिरीराज पर्वत एवं चिरहरण की कथा सुनाई और पं• रामकिशोर दाधिच ने कहा कि भगवान अपने भक्तों के वश में होते हैं और जब जब भारत भूमि पर असुरी शक्तियां बढ़ती है तब तब भगवान धर्म की स्थापना करनें के लिए और अपने भक्तों की रक्षा करने के लिए पृथ्वी पर अवतार लेते हैं पं• रामकिशोर दाधिच ने कहा भगवान के उपर अटुट विश्वास रखना चाहिए पं• रामकिशोर दाधिच ने कहा कि शास्त्रों में पिता को आकाश तथा माता को पृथ्वी के समान माना गया है इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को माता पिता की सेवा करनी चाहिए गौमाता की सेवा करनी चाहिए घर आएं हुए संत महात्मा एवं मेहमानों का आदर सत्कार करना चाहिए भूखे को भोजन एवं प्यासे को पानी पिलाना चाहिए पंडित रामकिशोर दाधिच ने कहा कि पशु पक्षियों की सेवा करनी चाहिए तथा चिट्ठियों को भी दाना देना चाहिए पंडित रामकिशोर दाधिच ने कहा कि परमात्मा ने हमें मनुष्य इसलिए बनाया है कि हम ज्यादा से ज्यादा परमार्थ कार्य करने चाहिए इस अवसर पर अखिल भारतीय मानव सेवा मोर्चा संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रेमसिंह भावण्डा भी मौजूद रहे

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