हक के लिए हुकूमत से एकजुट होकर लड़ें : डॉ. बराला

 हक के लिए हुकूमत से एकजुट होकर लड़ें : डॉ. बराला



चौमूं। विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही क्षेत्र में इन दिनों विभिन्न दलों के नेताओं की सरगर्मियां काफी बढ़ गई हैं। इसी कड़ी में चौमूं विधानसभा क्षेत्र में इन दिनों कई नाम लोगों की जुबां पर हैं। इनमें से एक नाम जो सबसे ज्यादा चर्चाओं में हैं वो है डॉ. श्रवण बराला का, जो गांव-गांव घूमकर लोगों को अपने अिधकारों के लिए लड़ने के लिए जाग्रत कर रहे हैं। गुरुवार को उन्होंने राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के सामने आष्टि खुर्द में आयोजित रात्रि चौपाल में लोगों से अपने अिधकारों के लिए लड़ने का आह्वान किया। इस अवसर पर वरिष्ठ भाजपा नेता एवं स्वाभिमान ग्रामीण विकास संस्थान के अध्यक्ष डॉ. श्रवण बराला ने कहा कि मैं गांव और गरीब के जीवन को सुखी बनाने का उद्देश्य लेकर ही घर से निकला हूं। मेरा भी बचपन गांव में ही गुजरा है तो मुझसे बेहतर गांव और किसान के दुख-दर्द को कोई दूसरा नहीं समझ सकता। इसलिए मैं गांव-गांव चौपालें आयोजित कर आमजन की समस्याओं को दूर करने के प्रयास में जुटा हूं, लेकिन यह मेरे अकेले से संभव नहीं है। इसके लिए आप सबको भी मेरे साथ मजबूती से खड़ा होना होगा, तब ही हम अपने हक के लिए हुकूमत से लड़ पाएंगे।


उन्होंने कहा कि समीप के फुलेरा विधानसभा क्षेत्र के लोगों को जब बीसलपुर पेयजल से पानी मिल रहा है तो हमारे साथ सौतेला व्यवहार क्यों। हम भी गंभीर पेयजल संकट से जूझ रहे हैं। ऐसे में आष्टि समेत आस-पास के इलाकों को तो आसानी से इस पेयजल योजना से जोड़कर समस्या का निराकरण किया जा सकता है। साथ ही डॉ. बराला ने कहा कि आए दिन प्राकृतिक प्रकोपों से किसान की फसलों का नुकसान होता रहता है। ऐसे में किसानों को बर्बाद फसलों का मुआवजा देने के लिए उचित योजना बनाई जाए। फसल खराबे के बाद गिरदावरी की निश्चित समय सीमा तय की जाए। साथ ही फसलों का मुआवजा देने के लिए नियम बनाएं जाएं, जिसमें मुआवजा देने का एक निश्चित समय तय किया जाए। इसमें लापरवाही पर जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान किया जाना चाहिए।


उन्होंने कहा कि जल संकट के स्थाई समाधान के लिए नदियों को जोड़ा जाना चाहिए। इसके लिए चौमूं, आमेर, शाहपुरा, विराटनगर एवं संपूर्ण जयपुर, सीकर, अजमेर, नागौर की पानी की समस्या के स्थाई समाधान के लिए शारदा यमुना प्रोजेक्ट को अमल लाया जाना चाहिए। डॉ. बराला ने गांवों में निर्बाध बिजली आपूर्ति की मांग भी प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार से की है। उन्होंने निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए एकजुट होकर संघर्ष करने की अपील भी ग्रामीणों से की। उन्होंने ने लोगों से कहा कि संगठन में ही शक्ति होती है और बिना एकजुट हुए किसी भी सूरत में सरकारें हमारी सहूलियतों की ओर ध्यान नहीं देंगी।

 इस दौरान मगन सिंह नाथावत पूर्व सरपंच, महेंद्र बोचल्या सरपंच प्रतिनिधि, प्रभाती लाल यादव पूर्व सरपंच, एडवोकेट सुरेंद्र बोचल्या, बिरदीचंद कुमावत सेवानिवृत्त सहायक रजिस्ट्रार, दुलीचंद कुमावत सेवानिवृत्त सहकारी व्यवस्थापक, बंशी बडाल्डा, रामचंद्र कुमावत, बनवारी टोडावता, प्रभु दयाल मीणा, भगवान सहाय जाजम, सांवरमल डागर, दौलतराम बागड़ा, श्याम जी महाराज, गोपाल शर्मा, नाहर सिंह नाथावत, हनुमान सबल, बाबूलाल स्वामी, मोहन लाल बुनकर, छोटू राम निठारवाल, गिरधारी लाल प्रजापत, दौलत बागड़ा, मदन सेन, संजय जांगिड़, घासी कुमावत आदि उपस्थित रहे।

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