वात, कफ़ व पित्त तीनों में उपयोगी मेकोय।

 वात, कफ़ व पित्त तीनों में उपयोगी मेकोय।




मकोय, जिसे ब्लैक नाइटशेड के नाम से भी जाना जाता है। यह एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है जो शरीर के तीनों दोषों- वात, पित्त और कफ को संतुलित करती है। इसे इसके इन्हीं गुणों के लिए जाना जाता है और इसका उपयोग विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज के लिए किया जाता है।

श्री भगवानदास तोदी महाविद्यालय के वनस्पति विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ जितेंद्र कांटिया ने बताया कि मकोय जिसका वानस्पतिक नाम सोलनम नाइग्रम है। यह सोलेनेसी कुल का सदस्य है। यह पारंपरिक चिकित्सा में कई तरह के औषधीय उपयोगों वाला पौधा है। इसका उपयोग खांसी, बुखार, त्वचा रोगों और यहां तक कि तपेदिक के इलाज के लिए भी किया जाता है। यह खांसी, बुखार और अस्थमा और राइनाइटिस जैसी श्वसन समस्याओं के इलाज के लिए उपयोगी है। इसका उपयोग दाद, जलन, खुजली और दर्द से राहत जैसी त्वचा की समस्याओं के लिए किया जाता है, इसके अलावा यह पेट दर्द, भूख न लगना, गैस, अपच और परजीवी संक्रमण आदि के उपचार में मदद करता है। 

डॉ. कांटिया ने बताया कि मकोय का उपयोग पीलिया और हेपेटाइटिस जैसी यकृत रोगों के साथ-साथ ड्रॉप्सी के इलाज के लिए भी किया जाता है।  मकोय का उपयोग जोड़ों में दर्द से राहत के लिए किया जाता है, और यह गठिया और मांसपेशियों में खिंचाव जैसी स्थितियों के लिए फायदेमंद है।  साथ ही इसका उपयोग तंत्रिका समस्याओं में भी किया जाता है।  मकोय का उपयोग पारंपरिक रूप से दस्त, रक्तस्राव और आंखों की समस्याओं जैसी स्थितियों में भी किया जाता है।

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