गुर्दे के उपचार में उपयोगी बड़ा गोखरू।

 गुर्दे के उपचार में उपयोगी बड़ा गोखरू।



भारतीय चिकित्सा पद्धति में गुर्दे की पथरी और कई अन्य रोगों के उपचार के लिए औषधीय पौधों का वैकल्पिक चिकित्सा के रूप में उपयोग किया जाता है। पेडलियम म्यूरेक्स एक ऐसी औषधीय जड़ी बूटी है जिसका उपयोग पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली में गुर्दे से संबंधित रोगों के उपचार के लिए किया जाता है। जिसे आम तौर पर लार्ज कैल्ट्रॉप्स और बड़ा गोखरू (भारत) के नाम से जाना जाता है। यह भारत के दक्षिणी भाग, दक्कन क्षेत्र और सीलोन के कुछ हिस्सों में पाया जाने वाला एक पौधा है। इस पौधे के विभिन्न भागों का उपयोग विभिन्न बीमारियों जैसे खांसी, सर्दी और एंटीसेप्टिक के रूप में किया जाता है। यह दक्षिण भारत, मेक्सिको और उष्णकटिबंधीय अफ्रीका के समुद्री तट के पास पाई जाने वाला एक औषधीय पौधा है। यह भारत के ओडिशा के तटीय जिलों में रेत के टीलों में पाई जाने वाली एक जड़ी-बूटी है और पारंपरिक रूप से स्थानीय लोगों द्वारा गोनोरिया और डिसुरिया के उपचार में औषधि के रूप में उपयोग किया जाता है। इसकी पत्तियों और नई टहनियों से प्राप्त म्यूसिलेज का उपयोग वीर्य दुर्बलता में कामोद्दीपक के रूप में किया जाता है। 

श्री भगवानदास तोदी महाविद्यालय के वनस्पति विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. जितेन्द्र कांटिया ने बताया कि इसका वैज्ञानिक नाम पेडिलियम म्यूरेक्स है यह पेडिलीऐसी कुल का पादप है। यूनानी और आयुर्वेद के अनुसार गोखरू का उपयोग शीतलतावर्धक, कामोत्तेजक, भूख बढ़ाने वाला और स्वरयंत्रशोथ, पुटिकाओं की पथरी, खांसी, दमा, दर्द, त्वचा रोगों और हृदय रोगों, बवासीर और कुष्ठ रोग आदि के उपचार में किया जाता है। इसका पारंपरिक रूप से इसके पत्तों के रस का उपयोग अल्सर के इलाज में किया जाता है, यह रक्त को शुद्ध करता है तथा मूत्रवर्धक के रूप में कार्य करता है और मूत्राशय की पथरी को निकालता है। यह ग्लीट, सूजाक, कटिवात का इलाज करता है, मासिक धर्म को बढ़ाता है, मुँह की समस्याओं के लिए गरारे करने के लिए अच्छा है। पौधे के विभिन्न भागों का उपयोग विभिन्न बीमारियों के उपचार में किया जाता है। फाइटोकेमिकली यह पौधा डायोसजेनिन और वैनिलीन की काफी मात्रा में उपस्थिति के लिए लोकप्रिय है।

डॉ . कांटिया ने बताया कि यह विशेष रूप से प्रजनन संबंधी विकारों, जैसे नपुंसकता, स्वप्नदोष, सूजाक और श्वेतप्रदर के उपचार में उपयोगी मांना जाता है। इसके अतिरिक्त, इसका उपयोग मूत्र और जठरांत्र संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए भी किया जाता है। पेडीलियम म्यूरेक्स का पारंपरिक रूप से कामोद्दीपक के रूप में और पुरुष एवं महिला प्रजनन स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के उपचार के लिए उपयोग किया जाता है। इसमें सूजनरोधी गुण होने के कारण इसका उपयोग जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करने के लिए किया जाता है इसका उपयोग पारंपरिक रूप से खांसी, जुकाम, बुखार और सामान्य शारीरिक दुर्बलता के इलाज के लिए भी किया जाता रहा है। गोखरू को पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ाने, यौन शक्ति और प्रजनन क्षमता में सुधार करने के लिए जाना जाता है। गोखरू मूत्रवर्धक गुणों के लिए जाना जाता है, जो मूत्र पथ के संक्रमण, गुर्दे की पथरी और पेशाब करने में होने वाली जलन को कम करने में उपयोगी होता है। गोखरू में मौजूद सैपोनिन हृदय रोगों से बचाने मे सहायक होता हैं। गोखरू पाचन में सुधार करने और कब्ज से राहत दिलाने में भी मदद कर सकता है। गोखरू जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करने में भी उपयोगी हो सकता है। गोखरू शारीरिक शक्ति और सहनशक्ति को बढ़ाने में भी मदद करता है। गोखरू रक्तचाप को नियंत्रित करने में भी उपयोगी है गोखरू का उपयोग त्वचा रोगों जैसे एक्जिमा और खुजली के इलाज के लिए भी किया जा सकता है।

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