औषधीय गुणों से भरपूर है अपामार्ग
औषधीय गुणों से भरपूर है अपामार्ग
अपामार्ग पूरे भारत में पाया जाने वाला एक सामान्य पौधा है। आधुनिक दवाओं के आने से पहले, बीमारियों का इलाज पूरी तरह से हर्बल उपचारों से किया जाता था। वर्तमान में भी यह अनुमान लगाया गया है कि विकासशील और अविकसित देशों के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली दुनिया की लगभग 80% आबादी अभी भी मुख्य रूप से औषधीय पौधों पर निर्भर है।
श्री भगवानदास तोदी महाविद्यालय के वनस्पति विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ जितेंद्र कांटिया ने बताया कि भारत की पारंपरिक औषधीय प्रणाली में लटजीरा/ अपामार्ग /उल्टाकांटा का सामान्य रूप से उपयोग किया जाता है इसका वैज्ञानिक नाम एकैरेंथस एस्पेरा है यह एमेरेंथेसी कुल का सदस्य है एकैरेंथस एस्पेरा अपने अनेक औषधीय गुणों के साथ-साथ विभिन्न रसायनों के लिए भी एक बहुत महत्वपूर्ण पौधा है । यह पौधा कई औषधीय गुणों से भरपूर है जैसे कि, एंटी-एलर्जिक, कार्डियोवैस्कुलर, नेफ्रोप्रोटेक्टिव , एंटीपैरासिटिक , हाइपोग्लाइसेमिक , एनाल्जेसिक और एंटीपायरेटिक आदि। इनके अलावा इसमें एंटीपीरियोडिक , मूत्रवर्धक, रेचक, अस्थमारोधी , जीवाणुरोधी, सुजनरोधी, हेपेटोप्रोटेक्टिव, घाव भरने और अन्य अनेक महत्वपूर्ण औषधीय गुण पाए जाते है इसकी जड़ व तने का दातून के रूप में उपयोग किया जाता है इसकी जड़ का पेस्ट गर्भवती स्त्री की नाभि पर लेप कर दिया जाए तो घुमा हुआ बच्चा अपने आप सीधा हो जाता है इसका पारंपरिक रूप से रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है अतः इसमें मधुमेह-रोधी गुण पाए जाते हैं। इसका उपयोग खांसी और अस्थमा के लक्षणों को दूर करने के लिए किया जाता है, इस पौधे का उपयोग खुजली, चकत्ते और घावों जैसी विभिन्न त्वचा संबंधी बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है। इसका पारंपरिक रूप से सांप और बिच्छू के काटने पर प्रतिकारक औषधि के रूप में किया जाता है। यह अपने मूत्रवर्धक गुणों के कारण गुर्दे की पथरी को घोलने और खत्म करने में मदद करता है। पाचन संबंधी समस्याएं को बेहतर बनाने के लिए किया जा सकता है।
इसका उपयोग कान दर्द, दांतों की समस्याओं और रेचक के रूप में भी किया जाता है।
यह कोलेस्ट्रॉल और वसा के जमाव को कम करके वजन घटाने में सहायक है
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