पं. कौशल दत्त शर्मा को मिली डॉक्टरेट की मानद उपाधि

 पं. कौशल दत्त शर्मा को मिली डॉक्टरेट की मानद उपाधि 



नेपाल निहालोठ- 

युनाइटेड नेशन्स से मान्यता प्राप्त "गांधी पीस फाउण्डेशन, नेपाल" ने नीमकाथाना निवासी पूर्व प्राचार्य एवं जिला नोडल अधिकारी पंडित श्री कौशल दत्त शर्मा को ज्योतिष शास्त्र, धर्मशास्त्रीय निर्णय एवं समाजसेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियां अर्जित करने पर निहालोठ में आयोजित अतिविशिष्ट समारोह में "डॉक्टरेट" की मानद उपाधि से विभूषित किया है। 

बांसठ वर्षीय डॉ. कौशल दत्त शर्मा लम्बे समय से शिक्षाजगत ज्योतिषशास्त्र धर्मशास्त्र समाजसेवा के साथ जनहित के अनेकों क्षेत्रों में सफल एवं प्रभावी कार्य कर रहे हैं।

श्री शर्मा को डॉक्टरेट की मानद उपाधि मिलने पर अनेक सामाजिक संगठनों प्रबुद्ध शिक्षाविदों माननीय संस्थाप्रधानों एवं संस्कृत प्रेमियों बहुत बहुत बधाईयां दी हैं। सम्मानित होने के बाद आज घर पहुंचने पर क्षेत्र के अनेकों गणमान्य नागरिकों प्रियजनों परिवारजनों एवं प्रियशिष्य जनों ने भावभीनी स्वागत किया। जिन उपलब्धियों के लिए डा. कौशल दत्त शर्मा को डाक्टरेट की मानद उपाधि से नवाजा गया है वो अनुकरणीय है।


गांधी पीस फाउण्डेशन नेपाल के फाउंडर प्रेसिडेंट डॉ. लाल बहादुर राणा फाउण्डेशन के ग्लोबल गवर्नर डॉ. चन्द्र कुमार शर्मा राजस्थान प्रभारी डॉ. उमराव सिंह यादव एवं रामानन्द शर्मा एवं संस्थान से जुड़े माननीय महानुभावों ने पंडित कौशल दत्त शर्मा को डाक्टरेट की उपाधि पर बहुत बहुत शुभकामनाएं प्रेषित की हैं।


राव श्योचन्द राम मेमोरियल चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा आईना ए शेखावाटी के सौजन्य से प्रकाशित स्मारिका में डाक्टरेट की मानद उपाधि लेने वाले सभी डॉक्टर्स के परिचय मे सबसे पहला परिचय डॉ. कौशल दत्त शर्मा का ही है।

विलक्षण प्रतिभा के धनी हैं डॉ शर्मा -

विचारों में सरलता, स्वभाव में सहजता, भावों में स्थिरता, व्यक्तित्व में विलक्षणता, जीवन शैली में स्पष्टता, कर्तव्य के प्रति शुचिता, छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी समस्याओं के निदान में व्यापकता, गहन विश्लेषण क्षमता, सर्वपक्षीय पारदर्शिता के धनी, सामाजिक एवं व्यावहारिक व्यक्तित्व के जीवन्त हस्ताक्षर डॉ. कौशल दत्त शर्मा नीमकाथाना क्षेत्र के ही नहीं अपितु राजस्थान की पहचान हैं शान हैं। 

डॉ. कौशल दत्त शर्मा के व्यक्तित्व की बात करें तो इनका बाह्य और आन्तरिक व्यक्तित्व सादगी से भरा हुआ और सौंदर्य से भरपूर है। मृदुभाषी शर्मा ऐसे पुष्प के समान है जिसकी सुगंध बिना खिले भी सर्वत्र फैल जाए। इनका ऐसा मिलनसार स्वभाव है कि इनसे मिलने के विचार भर से ही मन और प्राण अभिभूत हो जाएं। डॉ. कौशल दत्त शर्मा एक ऐसे शिक्षक ज्योतिषाचार्य और समाजसेवी के रूप में जाने जाते हैं जिनसे परिचय के बिना ही अपनत्व का बोध हो जाता है। आप अपनी सामाजिक सेवा भावनाओं और बहुमुखी प्रतिभा के कारण क्षेत्र में जीती जागती बुलन्द शख्सियत हैं। 

डॉ. कौशल दत्त शर्मा का जन्म नीम का थाना में पंडित हनुमान प्रसाद जोशी के यहां माता श्रीमती संतोष शर्मा की कोख से हुआ था तब किसी को यह आभास कहाँ था कि यह साधारण सा बच्चा शिक्षा, ज्योतिष और समाज सेवा के क्षेत्र में बुलंदियों के शिखर पर पहुंचेगा तथा अपने प्रान्त राजस्थान और नीमका थाना के साथ ही जोशी परिवार का नाम रोशन करेगा। डॉ. कौशल दत्त शर्मा प्रारंभ से ही कुशाग्र बुद्धि और मेरीटोरियस रहे हैं l आपने प्रारम्भिक कक्षाओं से लेकर दसवीं ग्यारहवीं ज्योतिषशास्त्र में शास्त्री एवं आचार्य (स्नातकोत्तर), संस्कृत में एम. ए. व शिक्षा शास्त्री आदि सभी परीक्षाएं प्रथम श्रेणी मेरीट के साथ उत्तीर्ण की हैं। आपने 1986 में राज्य सेवा प्रारम्भ कर शिक्षक प्रधानाध्यापक प्राचार्य पदों पर कार्य करते हुए संस्कृत महाविद्यालय में 2001 से 2022 तक ज्योतिष के लेक्चरर रहे। अक्टूबर 2022 से जनवरी 2024 तक प्राचार्य के पद को सुशोभित कर सेवानिवृत्त हुए। आप द्वारा संस्कृत संस्कृति संस्कार और ज्योतिषशास्त्र - धर्मशास्त्र के क्षेत्र में दी जा रही विशिष्ट सेवाओं के कारण आपकी शिष्य परम्परा अत्यन्त समृद्ध है और सर्वत्र मुंह बोलती है। धर्मनिष्ठ सनातनियों को आपके शोधपूर्ण शास्त्रीय निर्णयों पर अटूट विश्वास है। 

सेवानिवृत्ति के बाद भी आप ज्योतिष एवं धर्मशास्त्र के गहन अध्ययन और शोध कार्य में लगे हुए हैं। होली दीपावली आदि व्रत पर्वों के निर्णयों में व्याप्त विसंगतियों पर आपके सटीक शास्त्रीय निर्णय पूरे भारतवर्ष में निर्णायक सिद्ध होते रहे हैं। जिसके कारण राजस्थान अंचल के नीमकाथाना क्षेत्र का नाम सदैव चर्चा में रहता है। सेवा के अग्रदूत के नाम से जाने वाले डॉ. कौशल दत्त शर्मा ने  समाज सेवा के क्षेत्र में भी अपना परचम फहराया है। 

1988 में डॉ. कौशल दत्त शर्मा का विवाह सीकर निवासी श्रीमती कांता शर्मा के साथ हुआ आपके श्वसुर वैद्य रामदत्त शास्त्री सेवानिवृत प्राचार्य आयुर्वेद कॉलेज रहे हैं। आपकी पत्नी  मिलनसार प्रवृत्ति की धर्म परायण उदार - उदात्त स्वभाव की महिला हैं वो अपने पति को सदैव समाज सेवा के लिए प्रेरित करती रहती हैं l उनका कहना है कि समर्थ व्यक्ति को अपनी क्षमता अनुसार याचक की मदद करनी चाहिए l डॉ. शर्मा शिक्षित व सामाजिक परिवार से ताल्लुक रखते हैं l आपके पिताजी आदर्श शिक्षक के साथ भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य में से एक रहे हैं। आपके छह भाई-बहन हैं जो सभी शिक्षित और व्यवस्थित हैं। आपकी दो बेटियां हैं, बड़ी बेटी शिक्षिका है, छोटी बेटी राज्य सेवा की तैयारी कर रही है, दोनों बेटियां शादीशुदा हैं। एक बेटा है जिसने एम. एस. सी. फिजिक्स के साथ ही बी. एड. कर रखी है तथा राज्य सेवा की तैयारी कर रहे हैं। 

डॉ. कौशल दत्त शर्मा विगत ग्यारह साल से जनसेवा और जीवन-मूल्यों को समर्पित विकास वर्धन शर्मा मेमोरियल ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं। यह ट्रस्ट आपका निजी ट्रस्ट है जिसमें किसी से एक पैसा भी दान नहीं लिया जाता है। विकास वर्धन शर्मा मेमोरियल ट्रस्ट प्रतिवर्ष दस दिसम्बर को कोई ना कोई विशेष आयोजन करता है। अब तक हजारों जरुरतमंदों की आंखों का निःशुल्क आपरेशन करवा चुके हैं।

आप ब्राह्मण समाज के अनेक संगठनों एवं जनकल्याणकारी संस्थाओं के अध्यक्ष पदाधिकारी व सदस्य भी हैं। आप द्वारा समाज सेवा के क्षेत्र में सौहार्दपूर्ण व्यवस्था कायम करने के लिए अनेकों कार्यक्रम आयोजित किए गए। आपने सदैव समाज ग्राम व देश हित में कार्य किया है तथा सबको साथ लेकर चलने के पक्ष में रहे हैं।आपकी सेवाओं को देखते हुए आपको अनेक बार विभिन्न संस्थाओं द्वारा सम्मानित भी किया जाता रहा है। जिसमें ब्राह्मण समाज द्वारा समाज रत्न, टी सी प्रकाश स्मृति सम्मान समारोह में शेखावाटी गौरव अवार्ड- 2025, जिला कलेक्टर सीकर, जिला कलेक्टर नीमकाथाना व जिला कलेक्टर झुन्झुनूं ने भी आपकी प्रशंसनीय सेवाओं के लिए आपको गणतंत्र दिवस व स्वतंत्रता दिवस पर सम्मानित किया है। देश विदेश में अनेक संस्थाओं द्वारा ज्योतिष के क्षेत्र में शोध करने पर आपको सम्मानित किया है। राजस्थान सरकार द्वारा 2023 में आपको "संस्कृत विद्वत् सम्मान" से नवाजा गया है। 

हाल ही में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी में "एक देश - एक पंचांग" विषय पर आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय ज्योतिष सम्मेलन में राजस्थान से आप एकमात्र जाने वाले शोधार्थी थे। वहां आपने एक सत्र में मुख्य वक्ता के रूप में राजस्थान का मान बढ़ाया। अनेक पत्र पत्रिकाओं में आपके लेख प्रकाशित होते रहते हैं। आपको स्थानीय स्तर से लेकर राष्ट्रीय अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर शोधकार्य, समाज सेवा कार्य, बेटी बचाओ - बेटी पढ़ाओ अभियान, दिव्यांग सहायता, वृक्षारोपण पर्यावरण संरक्षण, शैक्षणिक सुधार एवं शैक्षणिक नवाचारों में उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिए अनेकों सामाजिक संस्थाओं और सरकारी संस्थाओं से सैकड़ों पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं। गरीब कन्याओं की शादी में एवं गरीब बच्चों की पढ़ाई के लिए आर्थिक सहयोग करना आपकी विशेष रुचि है। कन्या भ्रूण हत्या, दहेज प्रथा और बाल विवाह के आप कट्टर विरोधी हैं। आप समाज सेवा में समर्पित व्यक्तित्व के और विलक्षण प्रतिभा के धनी हैं। सेवानिवृत्ति के बाद आपने समाज सेवा व ज्योतिष के क्षेत्र में अपना जीवन लगाने की ठानी तथा अपनी जन्मभूमि नीमकाथाना को ही अपना कार्य क्षेत्र बनाया। आपके माता-पिता आपकी पत्नी और आपके बच्चे भी आपको हमेशा समाज सेवा के लिए समय-समय पर प्रेरित करते रहे हैं। आपके पिताजी का तो आपको सामाजिक और शैक्षणिक क्षेत्र में भरपूर सहयोग मिला था। आप सभी परिवार के सदस्यों को साथ लेकर चल रहे हैं। आप में ईमानदारी एवं समाजसेवा की सद्भावना, कर्तव्य के प्रति परायणता व मिलनसारिता जैसी सभी  विशेषतायें मौजूद हैं। 

इन सब को  देखते हुए *गांधी पीस फाउंडेशन, नेपाल द्वारा आपको डॉक्टरेट कि मानद  उपाधि 5 जुलाई  2025 को  निहालोठ में आयोजित स्व. राव श्योचंद राम स्मृति सम्मान समारोह में  प्रदान कर सम्मानित किया गया है।*

आप इसी तरह समाज सेवा में लगे रहे तथा आपकी कीर्ति दिन दूनी रात चौगुनी फैले इन्हीं शुभकामनाओं सहित।

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