बालों के लिए रामबाण औषधि भृंगराज।

 बालों के लिए रामबाण औषधि भृंगराज।




आयुर्वेद में विभिन्न औषधीय प्रयोजनों के लिए भृंगराज का उपयोग किया जाता है। भृंगराज एक रेंगकर वृद्धि करने वाली जड़ी बूटी है जो तीन फीट ऊंचाई तक बढ़ती है। इसमें एक लंबा डंठल और सफेद रंग के फूल होते हैं जो एकल, पंखदार और लगभग 6 से 8 मिमी व्यास वाले होते हैं। पत्तियाँ अवृंत, भाले के आकार की और विपरीत दिशा में व्यवस्थित होती हैं। इसकी जड़ें विशिष्ट बेलनाकार और भूरे रंग की होती हैं। यह जड़ी बूटी अधिकांशतः भारत, चीन, नेपाल, थाईलैंड और ब्राज़ील आदि देशों के नम क्षेत्रों में उगती है इसके प्राथमिक उपयोगों में बालों के विकास को बढ़ावा देना, लीवर के स्वास्थ्य में सुधार करना और त्वचा तथा पाचन में लाभ पहुँचाना आदि क्रियाएं शामिल है।

श्री भगवानदास तोदी महाविद्यालय के वनस्पति विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. जितेंद्र कांटिया ने बताया कि भृंगराज का अनेक आयुर्वेदिक ग्रंथों में व्यापक रूप से विभिन्न नामों से वर्णन है जैसे भृंग, भृंगराज, मार्कव, अंगारक, केशराज, भृंगार और केशरंजन आदि रूपों में उल्लेख किया गया है। इसे अंग्रेजी में 'फाल्स डेज़ी' के नाम से जाना जाता है यह एक पारंपरिक चमत्कारी जड़ी बूटी है, जिसे लंबे, रेशमी और मजबूत बाल उगाने के लिए बहुत ज़्यादा उपयोग किया जाता है इसका वैज्ञानिक नाम अक्लिप्टा अल्बा है । यह जड़ी बूटी एस्ट्रेसी कुल से संबंधित है। यह अपने एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-एजिंग गुणों के लिए भी जाना जाता है। इसके अनगिनत लाभकारी गुणों में मुख्य केशरंजक (बालों को पुनर्जीवित करने वाला), रुचिवर्धनम (भूख बढ़ाने वाला), जठराग्नि दीपक (पाचन अग्नि को उत्तेजित करने वाला), नेत्रहितकर (आंखों की समस्याओं का इलाज करने वाला), कफ विष नाशक (कफ दोषों और विषाक्त पदार्थों को नष्ट करने में मदद करने वाला ), दीपन (पेट की अग्नि को बढ़ाने वाला), पाचन ( पाचन में मदद करने वाला), कुष्ठहर (त्वचा रोग का इलाज में सहायक), शोथहर (सूजन कम करने वाला) , रक्तपित्त (रक्तस्राव विकारों का इलाज करने वाला), कसाहर (खांसी और सर्दी का इलाज करने वाला), पांडुनट (एनीमिया के इलाज में), शिरोअर्टिनट (सिरदर्द के इलाज में), चाकुश्य (दृष्टि में सुधार में), रसायन (बुढ़ापा रोधी) और जंतुजित (कृमि संक्रमण से राहत देने वाला) आदि। इन सभी शक्तिशाली गुणों से युक्त, भृंगराज का उपयोग अनेक स्वास्थ्य समस्याओं जैसे बालों की समस्याओं, त्वचा और दांतों के संक्रमण, कृमि संक्रमण, खांसी, जुकाम, अस्थमा , एनीमिया, सूजन, कुष्ठ रोग और अन्य संक्रमणों के इलाज के लिए किया जाता है। भृंगराज का सामान्य रूप से बालों के विकास को बढ़ावा देने, बालों के झड़ने और समय से पहले सफ़ेद होने से रोकने के लिए और बालों के रोम को मज़बूती प्रदान करने के लिए उपयोग किया जाता है। यह हेयर ऑयल और अन्य हेयर केयर उत्पादों में एक सामान्य घटक है। इसको पीलिया, फैटी लीवर और लीवर के बढ़ने जैसे यकृत विकारों को दूर करने के लिए उपयोग किया जाता है। यह विषहरण में सहायक है और यकृत के कार्य को बेहतर बनाता है। इसका उपयोग त्वचा को फिर से जीवंत करने में, उम्र बढ़ते संकेतों को कम करने में और खुजली, घाव और एक्जिमा जैसी विभिन्न त्वचा व्याधियों के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है। यह पाचन में सुधार करता है, कब्ज से राहत दिलाता है और भूख को बढ़ाता है। इसका उपयोग खांसी और जुकाम जैसी श्वसन संबंधी समस्याओं, आंखों के विकारों और स्त्री रोग संबंधी समस्याओं आदि के इलाज के लिए भी किया जाता है। इसके अतिरिक्त, यह दांतों और मसूड़ों को मजबूत बनाने में और दृष्टि सुधार करने में उपयोगी है। यह बालों के समग्र स्वास्थ्य व विकास के लिए इसके  अनेक लाभों के कारण दुनिया भर में व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है।

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