पंडित दीनदयाल अंत्योदय संबल पखवाड़ा-2025 32 वर्षों की समस्या का समाधान: अन्त्योदय संबल पखवाड़े ने बदल दी किशन लाल की जिंदगी
पंडित दीनदयाल अंत्योदय संबल पखवाड़ा-2025
32 वर्षों की समस्या का समाधान: अन्त्योदय संबल पखवाड़े ने बदल दी किशन लाल की जिंदगी
राजसमंद / पुष्पा सोनी
नाथद्वारा उपखंड के राजस्व ग्राम सुरतपुरा निवासी श्री किशन लाल पुत्र जयकिशन ब्राह्मण, जिनका नाम पिछले 32 वर्षों से राजस्व अभिलेखों में अशुद्ध रूप से 'बालू' अंकित था, को अन्ततः राज्य सरकार की अन्त्योदय संबल पखवाड़ा योजना के माध्यम से बड़ी राहत मिली है।
दरअसल, किशन लाल के सभी सरकारी दस्तावेजों जैसे- आधार कार्ड, पेन कार्ड, राशन कार्ड आदि में उनका नाम 'किशन लाल' दर्ज था, लेकिन राजस्व रिकार्ड में गलती से बचपन का पुकार नाम 'बालू' दर्ज हो गया था। इस त्रुटि के कारण उन्हें सरकारी योजनाओं, ऋण, नामांतरण और संपत्ति से जुड़े किसी भी लाभ से वंचित रहना पड़ रहा था।
किशन लाल ने बताया कि इस नाम शुद्धि के लिए उन्होंने वर्षों तक प्रयास किए, वकीलों से सलाह ली, लेकिन सभी ने इसे लंबी और महंगी न्यायालयीन प्रक्रिया बताया। 63 वर्ष की उम्र और सीमित आर्थिक संसाधनों के चलते वे निराश होकर बैठ गए थे।
राज्य सरकार द्वारा पं. दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय संबल पखवाड़ा - 2025 की सूचना मिलने पर किशन लाल में एक बार फिर उम्मीद जगी। ग्राम पंचायत बामनहेड़ा में आयोजित शिविर में उन्होंने अपनी समस्या उपखंड अधिकारी, नाथद्वारा के समक्ष रखी। उन्होंने यह भी बताया कि वे कम पढ़े-लिखे हैं और न्यायालय की जटिल प्रक्रिया उनके लिए संभव नहीं है।
किशन लाल की समस्या को गंभीरता से लेते हुए उपखंड अधिकारी ने तुरंत राहत प्रदान करने के निर्देश दिए। शिविर में ही राजस्व विभाग की टीम सक्रिय हुई और नाम शुद्धि की समस्त प्रक्रिया जैसे-आवेदन, जांच, दस्तावेज सत्यापन, खाता नकल आदि शिविर में ही हाथों-हाथ पूरी कर दी गई। उपखंड अधिकारी द्वारा शिविर में ही नाम शुद्धि का आदेश जारी कर किशन लाल को प्रदान किया गया।
किशन लाल ने इस त्वरित समाधान के लिए मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा का हृदय से आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह कार्य जो वर्षों से लंबित था, वह बिना किसी खर्च और भागदौड़ के एक ही दिन में, वह भी अपने गांव में ही पूरा हो गया। यह वास्तव में राज्य सरकार की संवेदनशीलता और अन्त्योदय संबल पखवाड़ा की सार्थकता को सिद्ध करता है।
उन्होंने भावुक होकर कहा कि अब उन्हें अपनी जमीन पर मकान बनाने, नामांतरण कराने और ऋण जैसी सरकारी सुविधाओं का लाभ लेने में कोई अड़चन नहीं आएगी। किशन लाल ने अपने अनुभव से यह संदेश दिया कि जब सरकार आमजन का भला करने का संकल्प लेती है, तो कठिन से कठिन कार्य भी सरलता से पूरे हो जाते हैं।
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