पेंशन एवं पेंशनर्स कल्याण विभाग, जयपुर के निदेशक ने किया जिला कोषालय का निरीक्षण
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पेंशन एवं पेंशनर्स कल्याण विभाग, जयपुर के निदेशक ने किया जिला कोषालय का निरीक्षण
कोटपूतली।बिल्लूराम सैनी) पेंशन एवं पेंशनर्स कल्याण विभाग, जयपुर के निदेशक (पेंशन) डॉ. देवराज के द्वारा जिला कोषालय
कोटपूतली-बहरोड़ का निरीक्षण किया गया।निरीक्षण के दौरान निदेशक ने कोषालय के कार्य की विस्तार से जानकारी प्राप्त कर आवश्यक निर्देश प्रदान किए एवं कार्य व्यवस्था की सराहना करते हुए संतोष जाहिर किया। इस दौरान कोषाधिकारी अशोक वर्मा, उप कोषाधिकारी रामेश्वर प्रसाद शर्मा सहित समस्त स्टाफ उपस्थित रहा।
*पेंशनर समाज ने किया अभिवादन*
पेंशनर समाज से पेंशनर समाज के अध्यक्ष सुभाष चन्द शर्मा, उपाध्यक्ष सुभाष चन्द शर्मा, व पेंशनर्सगण उपस्थित रहे। इस दौरान पेंशनर्स समाज के अध्यक्ष सुभाष चन्द शर्मा, उपाध्यक्ष सुभाष चन्द शर्मा, गिरधारी लाल आर्य, से.नि.मुख्य लेखाधिकारी, कोषाध्यक्ष किशन लाल शर्मा एवं कोषाधिकारी कोटपूतली- बहरोड ने माला पहना कर डॉ. देवराज का अभिवादन किया और कोटपूतली में पेंशन ट्रेजरी खुलवाने हेतु ज्ञापन दिया।
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राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के तहत गिव अप अभियान
जिले में 6660 व्यक्तियों ने किया गिव अप, 260 अपात्र लोगों को नोटिस जारी
कोटपूतली। बिल्लूराम सैनी) मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के मार्गदर्शन में राज्य सरकार निरन्तर वंचित वर्गों के उत्थान के लिये कार्य कर रही है। सीएम शर्मा के स्पष्ट निर्देश है कि अंतिम पक्ति में खड़े लोगों को सरकारी योजनाओं से जोडकऱ लाभान्वित किया जायें, ताकि वे समाज की मुख्यधारा से जुड़ सकें। मुख्यमंत्री व खाद्य मंत्री के निर्देशानुसार खाद्य सुरक्षा प्रदान करने के संबंध में निर्धारित मापदण्ड राजस्थान खाद्य सुरक्षा नियम 2023 अनुसूची-1 में ऐसे परिवार जिसमें कोई आयकर दाता हो, ऐसे परिवार जिसका कोई सदस्य सरकारी/अद्र्धसरकारी/स्वायत्तशासी संस्था में कर्मचारी हो, एक लाख से अधिक वार्षिक पारिवारिक आय हो एवं परिवार में किसी सदस्य के पास चार पहिया वाहन हो (ट्रैक्टर आदि जीविकोपार्जन में प्रयुक्त वाहन को छोडकऱ) निष्कासन सूची में शामिल है। अभियान के तहत 01 नवम्बर 2024 से प्रारम्भ गिव अप अभियान में अब तक राजस्थान में 17.63 लाख व्यक्तियों ने स्वैच्छा से खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ छोड़ा तथा जिले में 6660 व्यक्तियों ने गिव अप किया। जिला रसद अधिकारी शशि शेखर शर्मा ने बताया कि गिव अप अभियान में कोटपूतली-बहरोड़ में 260 अपात्र लोगों को नोटिस जारी किये गये, जिनसे वसूली की कार्यवाही की जायेगी। अभियान में जिला रसद अधिकारी, कोटपूतली-बहरोड़ एवं प्रवर्तन निरीक्षक विश्राम गुर्जर, सन्तोष मीना द्वारा पावटा, कोटपूतली, बहरोड़, विराटनगर, बानसूर, नारायणपुर तहसीलों में 66 निरीक्षण किये गये तथा 60 अपात्र एनएफएसए परिवारों को नोटिस जारी किये गये। निरीक्षण के दौरान राशन डीलर्स एवं लाभार्थियों को स्वैच्छा से पात्रता के आधार पर नाम हटवाने के लिये निरन्तर मोटिवेशन दिया जा रहा है। खाद्य विभाग शीघ्र ही परिवहन विभाग से चार पहिया वाहन स्वामी का डाटा संकलित कर खाद्य सुरक्षा में चयनित अपात्र लोगों को नोटिस जारी करेगें और वसूली की कार्यवाही की जावेगी।
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गर्मी में पशुओं को हीट स्ट्रोक या सन स्ट्रोक से बचाव हेतु रखे विशेष ध्यान
पशुपालन विभाग उपनिदेशक ने पशुपालकों को किया जागरूक
कोटपूतली।बिल्लूराम सैनी )गर्मी में पशुओं को हीट स्ट्रोक या सन स्ट्रोक से बचाव हेतु रखे विशेष ध्यान रखने की अपील की जा रही है। पशुपालन विभाग उपनिदेशक डॉ. हरीश क़ुमार ने बताया कि पशुओं में ग्रीष्म ऋतु में बढ़ा हुआ तापमान अत्यधिक परेशानी पैदा करता है, क्योंकि अधिक गर्मी से पशु तापघात का शिकार हो जाता है। उन्होंने बताया कि गर्मी के मौसम में वातावरण का तापमान अधिक हो जाता है तो ऐसी स्थिति में पशु को अधिक देर तक धूप में रखने या सीधे गर्म हवा के संपर्क में आने से पशु को लू लग जाती है एवं यदि पशु अधिक देर तक लू के संपर्क में रहता है तो उसे हीट स्ट्रोक या सन स्ट्रोक हो जाता है जिससे पशु की उत्पादन क्षमता घट जाती हैं या कभी कभी पशु की मौत भी हो जाती है।
तापघात के लक्षण :- तीव्र ज्वर की स्थिति, पशु का हांफना यानी मुँह खोलकर श्वास लेना, मुँह से लार गिरना, पशु का बेचैन होना एवं भूख की कमी होना, पानी अधिक पीना एवं पेशाब कम होना या बंद होना, पशु की धडकऩ कम होना एवं कभी कभी आफरा की शिकायत होना आदि लक्षण है।
तापघात से बचने के उपाय :- पशुओं को सूर्य की सीधी किरणों से दूर रखे, पशुओं को हवादार छप्पर या छायादार पेड़ों के नीचे रखे, पशुशाला को ठण्डा रखने के लिये दीवारों पर जूट की टाट लगाकर बार बार ठण्डे पानी से भिगोये ताकि बाहरी की हवा से ठंडक बनी रहे, पंखे एवं कूलर का प्रयोग करे, दिन में लगभग चार बार साफ एवं शीतल जल पिलायें, पशुओं को संतुलित आहार एवं उचित मात्रा में खनिज आहार देवे एवं सुपाच्य एवं उच्च गुणवत्ता का चारा खिलवायें, पशुओं को सुबह जल्दी व शाम को देर से खाना खिलायें, हरे चारे के लिये अजोला घास या अन्य हरा चारा का प्रायोग करे एवं साथ ही आहार में गेहूँ का चोकर या जौ की मात्रा देवे, पशुओं का परिवहन एवं अन्य संचालित गतिविधियां सुबह या शाम को करें, यदि किसी पशु की अधिक तबीयत खराब हो तो अपने निकटतम पशु चिकित्सा संस्था या 1962 कॉल सैंटर पर सूचित करें।
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